नमूना पेपर छात्र की परीक्षा के लिए तैयार करने के सर्वोत्तम संसाधनों में से एक है | ये अंतिम परीक्षा के लिए प्रयास करने से पहले छात्र को एक पूर्व अनुभव प्राप्त करने में मदद करते है, उन्हें पता चल जायेगा की क्या वे पूरी तरह से परीक्षा के लिए तैयार है या नहीं | वे इन सभी विषयों के लिए अपने ज्ञान का परीक्षण क्र सकते है और उत्तर के बारे मे आश्वस्त हो सकते है| यदि लिखित उत्तरों मे कोई विसंगतिया है, तो वे इस तरह के प्रश्न पर अधिक ध्यान केन्द्ररित कर सकते है, ताकि अंतिम पेपर मे गलतियाँ न हो | वे सही और गलत उत्तरों के लिए खुद को भी चिन्हित कर सकते है|
हिन्दी सैंपल पेपर कक्षा 12 उ.प. बोर्ड परीक्षा 2021
हिन्दी, परीक्षा पेपर 3 घंटे 15 मिनट और कुल 100 अंको का होगा |
निर्देश:- 1. प्रारंभ के 15 मिनिट परिक्षार्थियो को प्रश्नपत्र पढने के लिए निर्धारित हैं |
2. सम्पूर्ण प्रश्नपत्र दो खंडो मे विभाजित हैं , खण्ड 'क' एवं खण्ड 'ख'
3. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं |
(खण्ड 'क')
प्रश्न 1:- (क) रानी केतकी की कहनी के लेखक हैं |
(i) सदा सुख लाल
(ii) राजा लक्ष्मण सिंह
(iii) श्रधा राम फिल्लौरी
(iv) इंशा अल्ला खां
(ख) 'शेखर :एक जीवनी' के लेखक हैं
(i) भिष्म साहनी
(ii) जय शंकर प्रसाद
(iii) सच्चिदानंद- हरिदानंद वत्स्याचन अज्ञेय
(iv) भगवती चरण वर्मा
(ग) तितली के लेखक हैं|
(i) अज्ञेय
(ii) जय शंकर प्रसाद
(iii) श्याम सुन्दर दास
(iv) प्रेमचंद
(घ) 'भारत - दुर्दशा किसकी हैं |
(i) जय शंकर प्रसाद
(ii) राजकुमार वर्मा
(iii) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
प्रश्न 2:- (क) 'आंसू' के रचना कारक हैं
(i) महादेवी वर्मा
(ii) जय शंकर प्रसाद
(iii) प्रेमचंद
(iv) अज्ञेय
(ख) द्रिवेदी युग की पत्रिका नहीं हैं
(i) इंदु
(ii) प्रभा
(iii) मर्यादा
(iv) हिंदी प्रदीप
(ग) शेखर : एक जीवनी की विधा हैं
(i) नाटक
(ii) कहानी
(iii) उपन्यास
(iv) निबंध
(घ) 'यामा' किसकी रचना हैं|
(i) जयशंकर प्रसाद
(ii) सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
(iii) महादेवी वर्मा
(iv) रामकुमार वर्मा
(ड) 'दूसरा सप्तक' का प्रकाशन वर्ष हैं|
(i) 1943 ई0
(ii) 1950 ई0
(iii) 1951 ई0
(iv) 1956 ई0
प्रश्न 3:- गधान्शो पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए |
पुरषार्थ वह हैं , जो पुरुष को सप्रयास रखे , साथ ही सयुक्त रखे , यह जो सहयोग हैं ,सच मे पुरष और भाग्य का ही हैं| पुरष अपने अहं से विमुक्त होता हैं | तभी भाग्य से संयुक्त होता हैं |लोक जब पुरुषार्थ को भाग्य से अलग और विपरीत करते हैं तो कहना चाहिये की वे पुरषार्थ को ही उसके अर्थ से विलग और विमुख कर देते हैं | पुरष का अर्थ क्या पशु का ही अर्थ हैं ? बल - विक्रम तो पशु से ज्यादा होता हैं | दौड़ - धुप निश्चय ही पशु अधिक करता हैं | लेकिन यदि पुरषार्थ पशु- चेष्टा के अर्थ से कुछ भिन्न हैं| और क्षेरष्ठ हैं तो इस अर्थ मे की केवल हाथ- पैर चलाना नहीं हैं, नक्रिया| का वेग और कौशल हैं बल्कि वह स्नेह और सहयोग की भावना हैं|
(i) पुरुषार्थ क्या हैं?
(ii) पुरष कब भाग्य से संयुक्त होता हैं
(iii) 'विमुक्त' और 'चेष्टा' का शब्दार्थ क्या हैं|
(iv) रेखांकित अंश की व्याख्या किजिए
(v) पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम बताइए|
अथवा
अशोक का व्रक्ष जितना भी मनोहर हो, जितना भी रहस्यमय हो, जितना भी अलंकारमय हो, परन्तु हैं वह उस विशाल सामंत - सभ्यता की परिष्कृत रूचि का प्रतीक, जो साधारण प्रजा के परिश्रमो पर पली थी, उसके रक्त के संसार कणों को खा कर बड़ी हुई थी और लाखो-करोडो की उपेक्षा से जो समृद्ध हुई थी | वे सामंत उखड़ गये, समाज ढह गए और मदनोत्सव की धूमधाम ही मिट गई| संतान - कामिनियो को गन्धर्वो से अधिक शक्तिशाली देवताओ का वरदान मिलने लगा -पीरो ने, भुत-भैरवो ने , काली - दुर्गा ने यक्षो की इज्जत घटा दी| दुनिया अपने रस्ते चली गयी , अशोक पीछे चला गया |
(i) अशोक किसका प्रतीक हैं|
(ii) विशाल-सामंत सभ्यता कैसे समर्द्ध हुई थी |
(iii) यक्षों की इज्जत किसने घटा दी ?
(iv) 'परिष्कृत' और समर्द्ध शब्द का अर्थ क्या हैं?
(v) पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम बताईये?
प्रश्न 4:- पध्यांशो पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिये |
आज की दुनिया विचित्र, नवीन
प्रकर्ति पर सर्वत्र है विजयी पुरष आसीन
है बंधे नर के करो मे वारी, विधुत भाप,
हुक्म पर चढ़ता उतरता हैं पवन का ताप
है नहीं बाकि कही, व्यवधान,
लाँघ सकता हैं नर सरित , गिरी, सिन्धु एक सामान |
(i) कवी के अनुसार आज की दुनिया कैसी हैं ?
(ii) पुरष के हाथ क्यों बंधे हैं?
(iii) 'चढ़ता - उतरता' मे कौन सा समास हैं ?
(iii) रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिये?
(iv) पाठ का शीर्षक और कवी का नाम लिखिए|
अथवा
दु:ख की पिछली रजनी बीत,
विकसता सुख का नवल प्रभात|
एक परदा एक झीना नील,
छिपाये हैं जिसमे सुख-गात|
जिसे तुम समझे हो अभिशाप,
जगत की ज्वालाओ का मूल|
ईश का वह रहस्य वरदान,
कभी मत जाओ इसको भूल |
(i) कवि ने दुःख की तुलना किस से की है?
(ii) कवि के अनुसार झीना परदा मे क्या छिपा हुआ हैं ?
(iii) 'सुख-गात' मे कौन सा अलंकार हैं ?
(iv) रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिये?
(v) पाठ का शीर्षक और कवि का नाम बताइए|
प्रश्न 5:- (क)निम्नलिखित मे से किसी एक लेखक का जीवन परिचय देते हुए| उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं का उल्लेख कीजिये | (शब्द सीमा अधिकतम -80 शब्द )
(i) जैनेन्द्र कुमार
(ii) डा0 हजारी पसाद दिवेदी
(iii) डा0 ए पी जे अब्दुल कलाम |
(ख) निम्नलिखित मे से किसी एक कवि का साहित्यिक परिचय एवं उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं का उल्लेख कीजिये -
(i) महादेवी वर्मा
(ii) मैथली शरण गुप्त
(iii) भारतेन्दु हरिश्चन्द\
प्रश्न 6:- कथानक के आधार पर 'पंचलाईट' अथवा 'लाटी' कहानी की समीक्षा कीजिये| (शब्द सीमा अधिकतम -80 शब्द )
अथवा
'धुर्व यात्रा' एवं 'कर्मनाशा की हार' कहानी के प्रमुख पात्र की चारित्रिक विशेषताओ पर संक्षिप्त रूप पर प्रकाश डालिए |
प्रश्न 7:- स्वपठित 'खंडकाव्य' के आधार पर किसी एक खण्ड के प्रश्नो के उत्तर दीजिये|(शब्द सीमा अधिकतम -80 शब्द)
(क) 'रशिमरथी' खण्डकाव्य के आधार पर कर्ण के चरित्र की विशेषताये बताइये|
अथवा
'रशिमरथी' खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाओं पर प्रकाश डालिए |
(ख) 'मुक्तियज्ञ' खंडकाव्य मे एतेहासिक तथ्यों की प्रधानता हैं | उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिये |
अथवा
'मुक्तियज्ञ' खंडकाव्य के नायक का चरित्र - चित्रण किजिए |
(ग) 'सत्य की जीत' खंडकाव्य के आधार पर उसकी नायिका के चरित्र की विशेषताए बताइए |
अथवा
'सत्य की जीत' खंडकाव्य की विशेस्ताओ पर प्रकाश डालिए |
(घ) 'आलोकव्रत' खंडकाव्य मे सत्य और अंहिंसा का सुन्दर सन्देश दिया गया हैं| स्पष्ट कीजिये|
अथवा
'आलोकव्रत' खंडकाव्य के नायक की विशेषताओ का वर्णन किजिए |
(ड) 'त्यागपथी' खंडकाव्य में प्रस्तुत 'हर्षवर्धन' के चरित्र का वर्णन किजिए |
अथवा
'श्रवण कुमार' खण्ड काव्य की विशेषताओं को उद्घटित किजिए |
प्रश्न 8:- (क) निम्नलिखित संस्क्रत गधंशो में से किसी एक का संसदर्भ हिंदी में अनुवाद किजिए|
याज्ञवल्क्य उवाच- न व अरे मैत्रेयी! पत्युः कामाय पति: प्रियो भवति | आत्मत्स्तु वै कामाय पति : प्रियो भवति| न वा अरे, पुत्रस्य वित्तस्य च कामाय पुत्रो वित्तं वा प्रियां भवति, आत्मनस्तु वै कामाय, पुत्रो वित्तवा प्रियं भवति | न वा अरे , सर्वस्य कामाय सर्वं प्रिय भवति, आत्मान्स्तु वै कामाय सर्वप्रियं भवति |
अथवा
अथैक: शकुनि: सर्वेषां मध्यादाशयग्रहणार्थ त्रिक्र्त्व: अश्रावयत | तन: एक: काक: उत्थायं 'तिष्ठ तावत् अस्य एत्सिमन राज्यभिषेककाले एवं रुपम मुखम करुध्दसय च कीदशम भविष्यति? अनेन हि कुधदेन अवलोकिता: वयम् त्प्तकटाहे प्रक्षिप्तास्तिला इव तत्र तत्रैव ध्दक्ष्याम|
(ख) निम्नलिखित संस्क्रत पधान्शो मे से किसी एक का ससंदर्भ हिंदी मे अनुवाद किजिए:
अये लाजानुच्चे: पथि वचनमक्र्न्य ग्रहणी|
शीशो कर्णों यत्नात सुपिहितवती दीन वचना
मयी क्षीनोपाये यद्क्र्तम दर्शा वश्रु वहुले
(iv) भगवती चरण वर्मा
(ग) तितली के लेखक हैं|
(i) अज्ञेय
(ii) जय शंकर प्रसाद
(iii) श्याम सुन्दर दास
(iv) प्रेमचंद
(घ) 'भारत - दुर्दशा किसकी हैं |
(i) जय शंकर प्रसाद
(ii) राजकुमार वर्मा
(iii) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
प्रश्न 2:- (क) 'आंसू' के रचना कारक हैं
(i) महादेवी वर्मा
(ii) जय शंकर प्रसाद
(iii) प्रेमचंद
(iv) अज्ञेय
(ख) द्रिवेदी युग की पत्रिका नहीं हैं
(i) इंदु
(ii) प्रभा
(iii) मर्यादा
(iv) हिंदी प्रदीप
(ग) शेखर : एक जीवनी की विधा हैं
(i) नाटक
(ii) कहानी
(iii) उपन्यास
(iv) निबंध
(घ) 'यामा' किसकी रचना हैं|
(i) जयशंकर प्रसाद
(ii) सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
(iii) महादेवी वर्मा
(iv) रामकुमार वर्मा
(ड) 'दूसरा सप्तक' का प्रकाशन वर्ष हैं|
(i) 1943 ई0
(ii) 1950 ई0
(iii) 1951 ई0
(iv) 1956 ई0
प्रश्न 3:- गधान्शो पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए |
पुरषार्थ वह हैं , जो पुरुष को सप्रयास रखे , साथ ही सयुक्त रखे , यह जो सहयोग हैं ,सच मे पुरष और भाग्य का ही हैं| पुरष अपने अहं से विमुक्त होता हैं | तभी भाग्य से संयुक्त होता हैं |लोक जब पुरुषार्थ को भाग्य से अलग और विपरीत करते हैं तो कहना चाहिये की वे पुरषार्थ को ही उसके अर्थ से विलग और विमुख कर देते हैं | पुरष का अर्थ क्या पशु का ही अर्थ हैं ? बल - विक्रम तो पशु से ज्यादा होता हैं | दौड़ - धुप निश्चय ही पशु अधिक करता हैं | लेकिन यदि पुरषार्थ पशु- चेष्टा के अर्थ से कुछ भिन्न हैं| और क्षेरष्ठ हैं तो इस अर्थ मे की केवल हाथ- पैर चलाना नहीं हैं, नक्रिया| का वेग और कौशल हैं बल्कि वह स्नेह और सहयोग की भावना हैं|
(i) पुरुषार्थ क्या हैं?
(ii) पुरष कब भाग्य से संयुक्त होता हैं
(iii) 'विमुक्त' और 'चेष्टा' का शब्दार्थ क्या हैं|
(iv) रेखांकित अंश की व्याख्या किजिए
(v) पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम बताइए|
अथवा
अशोक का व्रक्ष जितना भी मनोहर हो, जितना भी रहस्यमय हो, जितना भी अलंकारमय हो, परन्तु हैं वह उस विशाल सामंत - सभ्यता की परिष्कृत रूचि का प्रतीक, जो साधारण प्रजा के परिश्रमो पर पली थी, उसके रक्त के संसार कणों को खा कर बड़ी हुई थी और लाखो-करोडो की उपेक्षा से जो समृद्ध हुई थी | वे सामंत उखड़ गये, समाज ढह गए और मदनोत्सव की धूमधाम ही मिट गई| संतान - कामिनियो को गन्धर्वो से अधिक शक्तिशाली देवताओ का वरदान मिलने लगा -पीरो ने, भुत-भैरवो ने , काली - दुर्गा ने यक्षो की इज्जत घटा दी| दुनिया अपने रस्ते चली गयी , अशोक पीछे चला गया |
(i) अशोक किसका प्रतीक हैं|
(ii) विशाल-सामंत सभ्यता कैसे समर्द्ध हुई थी |
(iii) यक्षों की इज्जत किसने घटा दी ?
(iv) 'परिष्कृत' और समर्द्ध शब्द का अर्थ क्या हैं?
(v) पाठ का शीर्षक और लेखक का नाम बताईये?
प्रश्न 4:- पध्यांशो पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिये |
आज की दुनिया विचित्र, नवीन
प्रकर्ति पर सर्वत्र है विजयी पुरष आसीन
है बंधे नर के करो मे वारी, विधुत भाप,
हुक्म पर चढ़ता उतरता हैं पवन का ताप
है नहीं बाकि कही, व्यवधान,
लाँघ सकता हैं नर सरित , गिरी, सिन्धु एक सामान |
(i) कवी के अनुसार आज की दुनिया कैसी हैं ?
(ii) पुरष के हाथ क्यों बंधे हैं?
(iii) 'चढ़ता - उतरता' मे कौन सा समास हैं ?
(iii) रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिये?
(iv) पाठ का शीर्षक और कवी का नाम लिखिए|
अथवा
दु:ख की पिछली रजनी बीत,
विकसता सुख का नवल प्रभात|
एक परदा एक झीना नील,
छिपाये हैं जिसमे सुख-गात|
जिसे तुम समझे हो अभिशाप,
जगत की ज्वालाओ का मूल|
ईश का वह रहस्य वरदान,
कभी मत जाओ इसको भूल |
(i) कवि ने दुःख की तुलना किस से की है?
(ii) कवि के अनुसार झीना परदा मे क्या छिपा हुआ हैं ?
(iii) 'सुख-गात' मे कौन सा अलंकार हैं ?
(iv) रेखांकित पंक्तियों की व्याख्या कीजिये?
(v) पाठ का शीर्षक और कवि का नाम बताइए|
प्रश्न 5:- (क)निम्नलिखित मे से किसी एक लेखक का जीवन परिचय देते हुए| उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं का उल्लेख कीजिये | (शब्द सीमा अधिकतम -80 शब्द )
(i) जैनेन्द्र कुमार
(ii) डा0 हजारी पसाद दिवेदी
(iii) डा0 ए पी जे अब्दुल कलाम |
(ख) निम्नलिखित मे से किसी एक कवि का साहित्यिक परिचय एवं उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं का उल्लेख कीजिये -
(i) महादेवी वर्मा
(ii) मैथली शरण गुप्त
(iii) भारतेन्दु हरिश्चन्द\
प्रश्न 6:- कथानक के आधार पर 'पंचलाईट' अथवा 'लाटी' कहानी की समीक्षा कीजिये| (शब्द सीमा अधिकतम -80 शब्द )
अथवा
'धुर्व यात्रा' एवं 'कर्मनाशा की हार' कहानी के प्रमुख पात्र की चारित्रिक विशेषताओ पर संक्षिप्त रूप पर प्रकाश डालिए |
प्रश्न 7:- स्वपठित 'खंडकाव्य' के आधार पर किसी एक खण्ड के प्रश्नो के उत्तर दीजिये|(शब्द सीमा अधिकतम -80 शब्द)
(क) 'रशिमरथी' खण्डकाव्य के आधार पर कर्ण के चरित्र की विशेषताये बताइये|
अथवा
'रशिमरथी' खण्डकाव्य की प्रमुख घटनाओं पर प्रकाश डालिए |
(ख) 'मुक्तियज्ञ' खंडकाव्य मे एतेहासिक तथ्यों की प्रधानता हैं | उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिये |
अथवा
'मुक्तियज्ञ' खंडकाव्य के नायक का चरित्र - चित्रण किजिए |
(ग) 'सत्य की जीत' खंडकाव्य के आधार पर उसकी नायिका के चरित्र की विशेषताए बताइए |
अथवा
'सत्य की जीत' खंडकाव्य की विशेस्ताओ पर प्रकाश डालिए |
(घ) 'आलोकव्रत' खंडकाव्य मे सत्य और अंहिंसा का सुन्दर सन्देश दिया गया हैं| स्पष्ट कीजिये|
अथवा
'आलोकव्रत' खंडकाव्य के नायक की विशेषताओ का वर्णन किजिए |
(ड) 'त्यागपथी' खंडकाव्य में प्रस्तुत 'हर्षवर्धन' के चरित्र का वर्णन किजिए |
अथवा
'श्रवण कुमार' खण्ड काव्य की विशेषताओं को उद्घटित किजिए |
(खण्ड - ख)
याज्ञवल्क्य उवाच- न व अरे मैत्रेयी! पत्युः कामाय पति: प्रियो भवति | आत्मत्स्तु वै कामाय पति : प्रियो भवति| न वा अरे, पुत्रस्य वित्तस्य च कामाय पुत्रो वित्तं वा प्रियां भवति, आत्मनस्तु वै कामाय, पुत्रो वित्तवा प्रियं भवति | न वा अरे , सर्वस्य कामाय सर्वं प्रिय भवति, आत्मान्स्तु वै कामाय सर्वप्रियं भवति |
अथवा
अथैक: शकुनि: सर्वेषां मध्यादाशयग्रहणार्थ त्रिक्र्त्व: अश्रावयत | तन: एक: काक: उत्थायं 'तिष्ठ तावत् अस्य एत्सिमन राज्यभिषेककाले एवं रुपम मुखम करुध्दसय च कीदशम भविष्यति? अनेन हि कुधदेन अवलोकिता: वयम् त्प्तकटाहे प्रक्षिप्तास्तिला इव तत्र तत्रैव ध्दक्ष्याम|
(ख) निम्नलिखित संस्क्रत पधान्शो मे से किसी एक का ससंदर्भ हिंदी मे अनुवाद किजिए:
अये लाजानुच्चे: पथि वचनमक्र्न्य ग्रहणी|
शीशो कर्णों यत्नात सुपिहितवती दीन वचना
मयी क्षीनोपाये यद्क्र्तम दर्शा वश्रु वहुले
तदन्त: शल्यम मे त्वमसि
पुनरुद्धतु मुचित:
अथवा
प्राप्त: किलाध वचनादिह
पाण्डवानां
दोत्येन भ्रर्त्य इव
कृष्णमति: स क्रष्ण|
श्रोतुम सखे! त्वमपि
सज्ञजय कर्ण कर्णों
नारी मृद्नी वचनानि
युधिष्ठिरस्य||
प्रश्न 9:- निम्नलिखित मे
से किसी दो प्रश्नो का उत्तर संस्कृत
मे दीजिये :
(i) कस्य कामाय सर्व प्रिय भवति ?
(ii) वसन्त काले व्रक्षा: किद्र्शा: भवन्ति ?
(iii) महर्ष द्यानन्दस्य गुरु क: आसीत्?
(iv) विधार्थी किमं त्येजेत?
प्रश्न 10:- (क) 'शांत रस' अथवा 'विभत्स रस' का स्थायी भाव के साथ परीभाषा या उदाहरण दीजिए |
(ख) 'यमक' अथवा 'संदेह' अलंकार की परिभाषा या उदाहरण दीजिए |
(ग)'सोरठा' अथवा 'उपेंद्रवर्जा' छंद की मात्राओ के साथ साथ परीभाषा या उदाहरण दीजिए |
प्रश्न 11:- निम्नलिखित मे से किसी एक विषय पर अपनी भाषा- शैली मे निबंध लिखिए |
(i) साहित्य और जीवन
(ii) नारी शिक्षा की उपयोगिता
(iii) बढती जनसंख्या का कुप्रभाव
(iv) व्रक्षारोपण का महत्व
(v) प्रीती कर काहू सुख न लह्यो |
प्रश्न 12:- (क) (i) 'शायक:' का संधि-विच्छेद है :
(A) श + अक:
(B) शै + अंक:
(C) शय + अंक:
(D) शौ + अंक:
(ii) 'सच्चित' का संधि-विच्छेद है:
(A) सत + चित
(B) सत`+ चित
(C) सत्त + चित
(D) सत: + चित
(iii) 'विष्णुस्त्रता' का संधि- विच्छेद है:
(A) विष्णु + त्राता
(B) विष्णु: + त्राता
(C) विष्णो + त्राता
(D) विश्नो + त्राता
(ख़) (i) 'यथाशक्ति' में समास हैं |
(A) बहुब्रीहि समास
(B) कर्मधारय समास
(C) अव्ययी भाव
(D) कोई नहीं
(ii) 'नीलगाय' में समास हैं |
(A) द्वंद समास
(B) द्रिगु समास
(C) कर्मधारय समास
(D) तत्पुरुष समास
प्रश्न:-13 (क) 'त्रिष्ठतम' अथवा 'अपठतम' किस धातु, लकार,पुरुष तथा वचन का रूप हैं ?
(ख) (i) 'आत्मने:' रूप हैं 'आत्मन' शब्द का
(a) सप्तमी विभक्ति, दिव्चन
(b) चतुर्थी विभक्ति , एकवचन
(c) तृतीय विभक्ति , बहुवचन
(d) पंचमी विभक्ति , एकवचन
(ii) 'योषाम' रूप है 'यत' शब्द (पुरलिंग) का:
(a) षष्ठी विभक्ति, बहुवचन
(b) पंचमी विभक्ति, एकवचन
(c) दुतीय विभक्ति , दिव्चन
(d) प्रथमा विभक्ति , बहुवचन|
(ग) (i) 'पठनीय' शब्द मे प्रत्यय हैं :
(a) तत्यत
(b) अनीयर
(c) नत्वा
(द) तल
(ii) 'गुरुता ' शब्द मे प्रत्यय हैं :
(a) तल
(b) तव
(c) तव्यत
(d) कत्वा|
(घ) रेखांकित पदों में से किसी एक पद मे प्रयुक्त विभक्ति तथा उससे सम्बंधित नियम का उल्लेख किजिए:
(i) विधालायम निकषा नदी बहती
(ii) छात्रेशु अरविन्द:श्रेष्ठ:
(iii) भिक्षुक: पादेन ख्ग्य्ज: अस्ति
प्रश्न 14:- निम्नलिखित में किन्ही दो वाक्यों का संस्कृत मे अनुवाद किजिए:
(i) तुम्हे क्या करना चाहिये
(ii) हम जा रहे हैं
(iii) वे दोनों कल कशी गये थे ?
(iv) क्रतिका एक मेघावी छात्रा हैं?
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